انجمن راهنمایان محلی

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Anand Gupta
at 2019 Jun 14
Anand Gupta
at 2019 Jun 14
अन्य प्रदेशों वाले पर्यटकों के वाहनों को वहाँ प्रवेश की अनुमति नहीं है। गैर समुदाय के पर्यटको के साथ हेय दृष्टि से व्यवहार किया जाता है। भारत की मातृभाषा हिन्दी का विरोध साफ़ नजर आता है। सभी तरह की सूचना पट्टिकाओं पर गुरमूखी व अंग्रेजी में ही लिखा हुआ मिलता है। ये तो लगभग पूरे पंजाब में देखा जा सकता है। भारत के ज्यादातर सभी गुरद्वारों में लगभग यहीं स्थिति है। दिव्यता,अवतरित और पावनता के सर्वोत्तम सन्तों में एक बाबा गुरु नानक देव जी की वाणी और प्रवचनों का अक्षरशः पालन कहीं देखने को नहीं मिलता। ये भारत के लिए शोचनीय है।